User:मनोज आचार्य

From Wikipedia, the free encyclopedia

जो समर्थ हैं उनके लिये अति भार क्या है ? व्यवस्सयियों के लिये दूर क्या है?

विद्वानों के लिये विदेश क्या है? प्रिय बोलने वालों के लिये कौन पराया है ?

खुदी को कर बुलन्द इतना, कि हर तकदीर के पहले ।

खुदा बंदे से खुद पूछे , बता तेरी रजा क्या है ?