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User:महेश झालानी

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राजनीतिक उपेक्षा का शिकार खैरथल

महेश झालानी, पत्रकार आजादी के बाद राजस्थान के अलवर जिलान्तर्गत खैरथल ही एकमात्र कस्बा है जहां अभी सरकारी स्तर पर कोई यथोचित विकास नही हुआ । एक लाख आबादी वाले इस कस्बे की सरसो और प्याज की मंडी समूचे देश मे अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है । दिल्ली-जयपुर रेल लाइन के बीच पड़ने वाले खैरथल का विकास निजी तौर पर तो काफी हुआ है, लेकिन राजनीतिक उपेक्षा की वजह से यह अभी कोसो दूर है । एक आध सरकारी कार्यालय के अलावा यहां कोई सरकारी कार्यालय नही है । एक लाख आबादी वाले इस कस्बे में प्याज और सरसों आदि का करीब 250 करोड़ का कारोबार होता है । करीब 50-60 तेल मिले और एक्सपेलर यहां पर कार्यरत है और 10 हजार एकड़ में सरसों, प्याज, गेंहू, चना, जौ, बाजरा तथा सब्जी आदि का उत्पादन किया जाता है । कस्बे के कुछ उत्साही लोगो की सक्रियता की वजह से खैरथल रेलवे स्टेशन पर करीब 24 महत्वपूर्ण रेलगाड़ियों का ठहराव है । पहले खैरथल विधानसभा क्षेत्र भी हुआ करता था लेकिन अब यह किशनगढ़ बांस विधनसभा के अधीन आगया है । खैरथल के अनेक समीपवर्ती छोटे कस्बो यथा तिजारा, कोटकासिम, राजगढ़, बहरोड़, चिकानी आदि में वर्षो पहले सरकारी स्तर पर कॉलेज की स्थापना हो चुकी है । बावजूद आजादी के 65 साल बाद भी यहां ना तो लड़कियों का कॉलेज है और ना लड़को का । नया जिला गठन के लिए बनी कमेटी ने खैरथल को जिला बनाने के लिए सबसे उपयुक्त कस्बा माना था । लेकिन राजनीतिक उपेक्षा की वजह से यह अभी तक जिला नही बन पाया है । यहां ना तो कोई बड़ा सरकारी अस्पताल है और कोई सरकारी गेस्ट हाउस । परिणामतः लोगो को उच्च शिक्षा के लिए अलवर जाने के लिए विवश होना पड़ता है । सरकारी और राजनीतिक अनदेखी की वजह से यह कस्बा विकास की अपेक्षित गति नही पकड़ पाया है । जबकि अन्य छोटे कस्बे और गांव विकास की दौड़ में इससे कहीं आगे निकल गए है । औद्योगिक दृष्टि से खैरथल काफी विपुल संभावनाओ वाला कस्बा है । लेकिन सरकारी अकर्मण्यता के चलते नाम मात्र का ही यह औद्योगिक क्षेत्र है । जबकि अलवर जिला अंतर्गत आने वाले भिवाड़ी, टपूकड़ा, नीमराना, शाहजनपुर तथा खुशखेड़ा राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से उभरता जा रहा है । खैरथल के विकास के लिए सबसे सुखद पहलू यह है कि यह दिल्ली और जयपुर से मात्र 120 किलोमीटर की दूरी पर ही है । रेल का अच्छा साधन होने के बावजूद इस कस्बे का विकास नही होना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है ।