User:Maha Loktantar Party

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                                                 महा लोकतंत्र पार्टी की व्याख्या    

सम्पूर्ण भारत एक महा लोकतंत्र देश है, इस महा लोकतंत्र वाले देश की नब्बे प्रतिशत आबादी आर्थिक तौर पर कमजोर है। आर्थिक तौर पर पिछड़े व्यक्ति को यहाँ ज्यादातर आम आदमी की नजर से देखा जाता है। भारत में आम आदमी के बहुमत को देखते हुए और उनके लिये खुशहाली लाने के लिये भारत में एक ऐसी पार्टी होनी चाहिये जो भारत में जंगल राज के कलयुग को समाप्त करे और खुशहाली के सतयुग की बहाली करे, सतयुग स्थापना की इन्हीं बातों को मुख्य रख के महा लोकतंत्र पार्टी बनाई गई है। दल में जाति-पाति को कोई महत्व नहीं है। सभी इन्सानों को एक ही परमेश्वर ने बनाया है। सभी इन्सान बराबर हैं चाहे वो किसी भी मजहब के हों। सभी भारत माता की सन्तान हैं। सभी हिंदुस्तानी हैं। इस लिये महा लोकतंत्र पार्टी भारत के सभी नागरिकों का सही मायने में हित रखने वाली भारत की एकमात्र पार्टी है। भारत के महा लोकतंत्र को चलाने के लिये महा लोकतंत्र पार्टी ही सभी भारतीयों का सही चुनाव है। महा लोकतंत्र पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी ही नहीं बलकि दुनियाँ को इन्सानियत के ढाँचे में पिरोने का प्राकृतिक प्रयास भी है। धर्म कोई भी हो मगर मनुष्यता का मूल तत्व एक ही है जिसे प्यार का नाम भी दिया गया है। अगर इन्सान का इन्सान के प्रति प्यार बरकरार रहेगा तो धर्म की हानि कभी नहीं होगी। जब-जब धर्म की हानि होती है तो मुझे मनुष्य लोक में आने के लिये विवश होना पड़ता है। ये सारी प्राकृति मेरी है और चारों वेद इसका सँविधान हैं। हर जीव अपनी जिंदगी शाँतिपूर्ण तरीके से जीए और सुखी रहे, यही मैं चाहता हूँ । मैं पहिले भी कह चुका हूँ और फिर कहता हूँ कि आप जैसा कर्म करेंगें वैसा ही फल पायेंगे। इस लिये हमें अच्छा कर्म ही करना चाहिये और बुरा काम करने से बचना चाहिये। आओ हम सभी मिल के इस दुनिया में सतयुग की स्थापना करें ।

                                        श्री रूप का भारत और विश्व के नाम अनमोल सन्देश

मेरा नाम रूपेन्द्र सिंह है। मुझे श्री रूप के नाम से भी जाना जाता है। मैं इस दुनिया में नए युग की स्थापना के लिये ही आया हूँ। जैसाकि मैने गीता में कहा था जब जब धर्म की हानि और अधर्म की व्रिध्दि होती है, तब तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ। मैं अपने वचन का पालन करने के लिये आपके सामने आ गया हूँ। मेरी यह दुनिया सत-रज-तम गुणों से युक्त है। अब समय आ गया है कि सतयुग की स्थापना की जाए। इस लिये दुनिया में सत का प्रभाव रज-तम गुणों से ज्यादा होना चाहिये। मै चाहता हूँ कि आप सभी सत का प्रभाव ज्यादा करने में मेरा साथ दें। विश्व में सभी लोग सात्विक भोजन ग्रह्ण करें और सात्विक बुध्दि पर ध्यान केंद्रित करें। दुनिया में वैसे तो पुरूषों और औरतों के लिये बराबर के अधिकार हैं मगर औरतों को फिर भी न्याय नहीं मिल पाता। हमारे कानून में बहुत सी कमियाँ हैं जिनको हम दूर करेंगे तब औरतों को भी न्याय मिलेगा। हम सभी को यह बात अच्छी तरह से जान लेनी चाहिये कि औरतों से ही घर बनते हैं, देश बनते हैं और ये सँसार बनता है। जो पुरूष औरतों की इज्जत का ख्याल नहीं रखता वो पुरूष कहलाने के काबिल नहीं। मैं ऐसे लोगों को घोर नरक में डालता हूँ। भारत में राजनीतिक अस्थिरता को दूर करने के लिये और आम आदमी का विकास करने के लिये मैंने भारत में सगंम तट पर महा लोकतंत्र पार्टी का गठन किया है और प्रयाग को विश्व की राजधानी घोषित किया है। महा लोकतंत्र पार्टी को भारत निर्वाचन आयोग, दिल्ली द्वारा तिथि 21-07-2011 को भारत की राजनीतिक पार्टी के रूप में मान्यता मिल चुकी है। महा लोकतंत्र पार्टी में उन लोगों को टिकट दिया जाएगा जो निस्वार्थ की भावना से देश व समाज की सेवा करना चाहते हैं। महा लोकतंत्र पार्टी 2014 के चुनावों के लिये उम्मीदवारों का चुनाव अभी से करने जा रही है। इच्छुक लोग मुझसे मिलकर अपना दावा पेश कर सकते हैं। काँग्रेस, भाजपा, और अन्य राजनीतिक दलों में बैठे वो इमानदार लोग जो सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहते हैं और उनकी अवाज़ को उनकी पार्टी नहीं सुनती , उन लोगों के लिये मेरी पार्टी के दरवाज़े अभी खुले हैं। महा लोकतंत्र पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी ही नहीं बलकि दुनियाँ को इन्सानियत के ढाँचे में पिरोने का प्राकृतिक प्रयास भी है। मनुष्यता का मूल तत्व एक ही है जिसे प्यार का नाम दिया गया है। अगर इन्सान का इन्सान के प्रति प्यार बरकरार रहेगा तो धर्म की हानि कभी नहीं होगी। जब-जब धर्म की हानि होती है तो मुझे मनुष्य लोक में आने के लिये विवश होना पड़ता है। ये सारी प्राकृति मेरी है और चारों वेद इसका सँविधान हैं। अगर मैं चाहता तो अब भी गुमनाम ही रहता, मगर लाखों करोड़ों भक्तों की, मुझसे मिलने की पुकार को, मैं अनदेखा नहीं कर सकता। अब वक्त आ गया है,हमारे देश के युवाओं, व्यापारियों, किसानों और बुध्दिजीवियों को आगे आकर अपने देश हिंदुस्तान के लिये अहम भूमिका निभानी है। अब हम बात करते हैं भारत के कानून की आँखों पर बँधी काली पट्टी खोलने के बारे में, हमारे देश का जो कानून है, उसमें लचीलापन बहुत ज्यादा है, इसकी आँखों पर काली पट्टी बँधी हुई है। यह वारदात को अपनी आँखों से देख नहीं पाता। अगर इस कानून की आँखों पर बँधी हुई काली पट्टी को खोल दिया जाये तो यह कानून सभी के लिये अच्छा हो जायेगा और यह कानून इन्साफ़ करेगा। मेरे पास इस कानून की आँखों पर बँधी काली पट्टी को खोलने का तरीका मौजूद है। सही समय आने पर इस तरीके का इस्तेमाल किया जायेगा। तभी भ्रष्टाचार जड़ से खत्म हो जायेगा, और सभी को इन्साफ मिलेगा। हर जीव अपनी जिंदगी शाँतिपूर्ण तरीके से जीए और सुखी रहे, यही मैं चाहता हूँ । मैं पहिले भी कह चुका हूँ और फिर कहता हूँ कि आप जैसा कर्म करेंगें वैसा ही फल पायेंगे। इस लिये हमें अच्छा कर्म ही करना चाहिये और बुरा काम करने से बचना चाहिये। आओ हम सभी मिल के इस दुनिया में सतयुग की स्थापना करें। इस समय देश की सरकार में जो जनता द्वारा चुने हुए लोग बैठे हैं। उनकी सोच बिलकुल गलत है। उनके पास ऐसी कोई योजनाएँ नहीं हैं, जिनसे जनता का भला हो। अन्ना हजारे जी ने और बाबा रामदेव जी ने जनता की भलाई के लिये सरकार के सामने लगातार बीन बजाई मगर सरकार पर कोई असर नहीं हुया क्योंकि भैंस पर बीन का असर होता ही नहीं। हमें मूर्खों की सरकार नहीं चहिये। हमें बुध्दिमान सरकार चाहिये। किसी भी पार्टी या सगंठन को अपनी जमीन समाज में बनाने के लिये दो बातों का विशेष ध्यान देना होता है, पहली बात- सगंठन में जो व्यक्ति हों वो भ्रष्ट न हों , दूसरी बात- सगंठन की नीतियाँ आम आदमी पर बुरा असर न डालें । लेकिन देश के ये दो बड़े दल इन दो बातों को पूरा नहीं करते। काँग्रेस में नब्बे प्रतिशत भ्रष्ट लोग हैं और भाजपा में अस्सी प्रतिशत भ्रष्ट लोग हैं। दोनों ही दल आम आदमी के लिये सिरदर्द हैं । इस लिये मेरा भारत की जनता से निवेदन है कि आम आदमी की पार्टी महा लोकतंत्र पार्टी की सरकार को बनाने में सहायता करें क्योंकि महा लोकतंत्र पार्टी को चलाने वाला सार्थी मैं खुद श्रीरूप हूँ। महा लोकतंत्र पार्टी के जिस उम्मीद्वार को जनता अधिक से अधिक प्रतिशत मतों से जितायेगी वो मोक्ष का अधिकारी भी बनेगा। भारत का मीडिया बहुत ही शक्तिशाली है। मैं मीडिया वालों से बहुत प्रसन्न हूँ। भारत की जनता को मीडिया ने जागरुक कर दिया है। भारत की जनता अब जान चुकी है कि कौन कौन कितने पानी में है। दुनिया के सभी धर्मगुरू ज्यादा से ज्यादा लोगों को मानवता के बारे में बताएँ । मैं बुध्दिजीविओं से भी कहूँगा कि वो इन्सानियत की तरक़्क़ी के लिये बढ़ चढ़ कर अपना योगदान दें। जीत तो हमेशा सत्य की होती है। अब फिर सत्य ही जीतेगा और दुनिया में मानवता का कल्याण होगा। भारत फिर से विश्वशाँति का केंन्द्र बनेगा। ओम तत सत।

                       जय हिन्द ।।                          जय हिन्द ।।                        जय हिन्द ।।

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