User:Panku9561696901
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MY FEVARATE POEM IS SCHOOL LIFE MISSING AUTHER BY charu choudhary
- ना जाने हम कब बड़े हो गए ?
- स्कूल के दिन न जाने कहाँ खो गए ?
- दोस्तों की बातें जब भी याद आती है ।
- आँखों में नमी सी छा जाती है ।
- वो दोस्तों की गपसप, वो दोस्तों से लड़ना ।
- टीचर के डाटने पर, छुप-छुप के हँसना ।
- हर राह में दोस्तों का साथ निभाना ।
- सही और गलत की पहचान कराना ।
- वो अपना लंच छुपा कर खाना ।
- वो दोस्तों का लंच झट से चट कर जाना ।
- वो दोस्त के बीमार होने पर, उसको देखने जाना ।
- वो उसका छुटा हुआ होमवर्क, खुद करके टीचर को दिखाना ।
- कभी-कभी कोई बहाना बनाकर स्कूल न जाना |
- और स्कूल जाते हीं छुट्टी होने की राह देखना |
- कोई शरारत करके मासूम सा चेहरा बनाना |
- सबसे छुपकर कक्षा में उत्पात मचाना |
- कभी-कभी किसी दोस्त को मिलकर सताना |
- अपने दोस्त के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाना |
- दोस्तों के साथ हर दिन स्कूल आना-जाना |
- कभी-कभी घर देर पहुँचने पर माँ की डांट खाना |
- वो स्कूल के पल लौटकर ना आएंगे ।
- हम बस उनको याद करके ही खुश हो जाएंगे ।
- ----- चारू चौधरी