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User talk:Rulingplanet

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भारत की विविधता का दायरा इतना बड़ा है कि पूरी दुनिया समां जाए। सरकारी ढांचे की बानगी में केवल तीन स्तंभ, विधायिका, कार्यपालिका औऱ न्यायपालिका ही मौजूद है।चौथा स्तंभ खुला है, स्वतंत्र है औऱ एक गरिमामयी इतिहास रखता है। ऐसे में मीडिया हमेशा से चौथा स्तंभ बनी रहा है।आज भी जिस गति से नए जनसंचार माध्यम प्रसार पा रहे है, उससे साफ है कि लोकतंत्र यहां अभी विकास के पथ पर है।जिंदादली के आलम में जीने वाला भारतीय मीडिया की ताकत को हर दिन जान समझकर मजबूत कर रही है। ऐसे में क्या ये सवाल उठाना जायज होगा कि नई मीडिया को दिशा देखने की जरूरत है। नए माध्यम जैसे टीवी औऱ रेडियों में नए आविष्कार साथ में नेट औऱ मोबाइल पर होने वाली जर्नलिज्म पर गहरी नज़र देना आवश्यक है। ऐसे में ये बहस मौजूं है कि क्या हो एक ऐसे देश मे मीडिया में गति औऱ दिशा जो हर ओर से बढ़ रहा है।आर्थिक ताकत बनने की ओर बढ़ता भारत हमेशा आजाद औऱ विचारधारा पर कभी बहका नहीं है।पर नए माध्यमों को यो समझना जरूरी है।

Bhavya Srivastava 919811150743

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